Sunday, June 23, 2013







शब्द
 
उपजी हूँ धरा से लिया है शब्द ने संभाल,

शब्द ही है शस्त्र मेरा चुनौती पर रखती हूँ काल

शब्द मधुर, शब्द कठोर, शब्द ही मेरा सार,  

शब्द रूद्र, शब्द शुद्र शब्द मेरा आकार

शब्द से मुक्ति शब्द से शक्ति शब्द में मेरे धार,

शब्द अभिव्यक्ति शब्द आसक्ति शब्द ही मेरा आहार  

घोर स्वयम्भू घनघोर शब्द-प्रहरी शब्द-नायक हूँ,

अंध अशब्द युग में शब्द की परिचायक हूँ

वर्तमान के धरातल पर भविष्य की लेखनी से इतिहास लिखती हूँ,

शब्द-शक्ति से संचालित हूँ न डरती हूँ न थकती हूँ।।

संतोष पुनिया

1 comment:

  1. शब्दश: सत्य....!

    शब्द भगवान की हैं आरती

    शब्द संस्कारों के है सारथी

    शब्द भावनाओं का औजार है

    शब्द क्रांति का आखिरी हथियार है ....!!

    जय बिश्नोई

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